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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
ऐश्वर्य की प्राप्ति का उपदेश।
Word-Meaning: - (औदुम्बरः) संघटन चाहनेवाला (मणिः) प्रशंसनीय [परमेश्वर] (प्रजया) प्रजा के साथ (च च) और (धनेन) धन के साथ (मा उप) मुझको, (इन्द्रेण) परम ऐश्वर्य करके (जिन्वितः) प्रेरित किया गया (मणिः) प्रशंसनीय [परमात्मा] (वर्चसा सह) तेज के साथ (मा) मुझको (आ अगन्) प्राप्त हुआ है ॥७॥
Connotation: - परमात्मा अपनी सर्वशक्तिमत्ता से प्रत्येक प्राणी में व्यापक है, यह विचार कर सब मनुष्य श्रेष्ठ पुरुषों और अनेक धनों की प्राप्ति से ऐश्वर्यवान् होवें ॥७॥
Footnote: ७−(उप) समीपे (मा) माम् (औदुम्बरः) म०१। संहतिस्वीकर्ता (मणिः) प्रशंसनीयः परमेश्वरः (प्रजया) (च) (धनेन) (च) (इन्द्रेण) परमैश्वर्येण (जिन्वितः) जिवि प्रीणने-क्त। प्रेरितः (मणिः) (आ अगन्) आगमत् (मा) माम् (सह) (वर्चसा) तेजसा ॥