पि॒ण्ड्ढि द॑र्भ स॒पत्ना॑न्मे पि॒ण्ड्ढि मे॑ पृतनाय॒तः। पि॒ण्ड्ढि मे॒ सर्वा॑न्दु॒र्हार्दो॑ पि॒ण्ड्ढि मे॑ द्विष॒तो म॑णे ॥
Pad Path
पिण्ड्ढि। दर्भ। सऽपत्नान्। मे। पिण्ड्ढि। मे। पृतनाऽयतः। पिण्ड्ढि। मे। सर्वान्। दुःऽहार्दः। पिण्ड्ढि। मे। द्विषतः। मणे ॥२९.६॥
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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
सेनापति के लक्षण का उपदेश ॥
Word-Meaning: - (दर्भ) हे दर्भ ! [शत्रुविदारक सेनापति] (मे) मेरे (सपत्नान्) वैरियों को (पिण्ड्ढि) पीस डाल, (मे) मेरे लिये (पृतनायतः) सेना चढ़ा लानेवालों को (पिण्ड्ढि) पीस डाल। (मे) मेरे (सर्वान्) सब (दुर्हार्दः) दुष्ट हृदयवालों को (पिण्ड्ढि) पीस डाल, (मणे) हे प्रशंसनीय ! (मे) मेरे (द्विषतः) वैरियों को (पिण्ड्ढि) पीस डाल ॥१॥
Connotation: - स्पष्ट है ॥६॥
Footnote: ६−(पिण्ड्ढि) पिष्लृ संचूर्णने। चूर्णीकुरु ॥