यद्वेद॒ राजा॒ वरु॑णो॒ वेद॑ दे॒वो बृह॒स्पतिः॑। इन्द्रो॒ यद्वृ॑त्र॒हा वेद॒ तत्त॑ आयु॒ष्यं॑ भुव॒त्तत्ते॑ वर्च॒स्यं॑ भुवत् ॥
यत्। वेद। राजा। वरुणः। वेद। देवः। बृहस्पतिः। इन्द्रः। यत्। वृत्रऽहा। वेद। तत्। ते। आयुष्यम्। भुवत्। तत्। ते। वर्चस्यम्। भुवत् ॥२६.४॥
PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
सुवर्ण आदि धन की प्राप्ति का उपदेश।