Reads times
PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
ब्रह्मविद्या का उपदेश।
Word-Meaning: - (व्रात्याभ्याम्) मनुष्यों के हितकारी दोनों [बल और पराक्रम] के लिये (स्वाहा) स्वाहा [सुन्दर वाणी] हो ॥२५॥
Connotation: - मनुष्यों को परमेश्वरोक्त ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद द्वारा श्रेष्ठ विद्याएँ प्राप्त करके इस जन्म और पर जन्म का सुख भोगना चाहिये ॥२५॥
Footnote: २५−(व्रात्याभ्याम्) अ०१५।१।१। व्रात-यत्। व्राताः, मनुष्य-नाम-निघ०२।३। मनुष्येभ्यो हिताभ्यां बलपराक्रमाभ्याम् ॥