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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
आलस्यादिदोष के त्याग के लिये उपदेश।
Word-Meaning: - तू (अन्तकः) अन्तकरनेवाला (असि) है और तू (मृत्युः) मृत्यु [के समान दुःखदायी] (असि) है ॥२॥
Connotation: - हे मनुष्यो ! कुपश्यआदि करने से गठिया आदि रोग होते हैं, गठिया आदि से आलस्य और उससे अनेकविपत्तियाँ मृत्यु आदि होती हैं। इससे सब लोग दुःखों के कारण अति निद्रा आदि कोखोजकर निकालें और केवल परिश्रम की निवृत्ति के लिये ही उचित निद्रा का आश्रयलेकर सदा सचेत रहें ॥१-३॥
Footnote: २−(अन्तकः) अन्तणिच्-ण्वुल्। अन्तयतीति अन्तकः। अन्तकरः (असि) (मृत्युः) मृत्युरिव दुःखप्रदः (असि) ॥