Reads times
PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
आयु की वृद्धि के लिये उपदेश।
Word-Meaning: - (प्राणापानौ) हे प्राणऔर अपान ! तुम दोनों (मा) मुझे (मा हासिष्टम्) मत छोड़ो, (जने) मनुष्यों के बीच (मा प्र मेषि) कभी नष्ट न होऊँ ॥५॥
Connotation: - मनुष्य अपने शरीर औरआत्मा से सावधान रहकर निर्भयता से कर्तव्यपरायण हो ॥५॥
Footnote: ५−(प्राणापानौ) हेश्वासप्रश्वासौ (मा) माम् (मा हासिष्टम्) नैव त्यजतम् (जने) मनुष्येषु (प्र)प्रकर्षेण (मा मेषि) मीङ् हिंसायाम्-लुङ्। नाशं मा प्राप्नुयाम् ॥