यमब॑ध्ना॒द्बृह॒स्पति॑र्दे॒वेभ्यो॒ असु॑रक्षितिम्। स मा॒यं म॒णिराग॑मत्स॒ह व्री॑हिय॒वाभ्यां॒ मह॑सा॒ भूत्या॑ स॒ह ॥
Pad Path
यम् । अबध्नात् । बृहस्पति: । देवेभ्य: । असुरऽक्षितिम् । स: । मा । अयम् । मणि: । आ । अगमत् । सह । व्रीहिऽयवाभ्याम् । महसा । भूत्या । सह ॥६.२४॥
Atharvaveda » Kand:10» Sukta:6» Paryayah:0» Mantra:24
Reads times
PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
सब कामनाओं की सिद्धि का उपदेश।
Word-Meaning: - (यम्) जिस (असुरक्षितिम्) असुरनाशक.... म० २२। (सः अयम्) बही (मणिः) मणि [प्रशंसनीय वैदिक नियम] (मा) मुझे (व्रीहियवाभ्याम् सह) चावल और जव के साथ और (महसा) बड़ाई और (भूत्या सह) विभूति [सम्पत्ति] के साथ (आ अगमत्) प्राप्त हुआ है ॥२४॥
Connotation: - मनुष्य धर्म से अन्न आदि पदार्थ प्राप्त करके यश और ऐश्वर्य बढ़ावें ॥२४॥
Footnote: २४−(महसा) महत्त्वेन (भूत्या) सम्पत्या। अन्यत् सुगमम् ॥