Devata: प्रजापतिः
Rishi: सिन्धुद्वीपः
Chhanda: त्रिपदा गायत्रीगर्भानुष्टुप्
Swara: विजय प्राप्ति सूक्त
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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
शत्रुओं के नाश का उपदेश।
Word-Meaning: - [हे सेनापति !] तू (वरुणस्य) श्रेष्ठ (राज्ञः) राजा का [शत्रुओं के लिये] (बन्धः) बन्धन (असि) है। (सः) सो तू (अमुम्) अमुक पुरुष, (आमुष्यायणम्) अमुक पिता के पुत्र और (अमुष्याः) अमुक माता के (पुत्रम्) पुत्र को (अन्ने) अन्न में और (प्राणे) श्वास में (बधान) बाँध ले ॥४४॥
Connotation: - मन्त्री, सेनापति आदि राजपुरुषों को योग्य है कि माता-पिता आदि के नाम से पता लगाकर दुराचारी को अन्न और वायु की रोक के साथ कारागार में बन्द कर दें ॥४४॥
Footnote: ४४−(राज्ञः) प्रजाशासकस्य (वरुणस्य) श्रेष्ठस्य (बन्धः) पाशरूपः (असि) (सः) स त्वम् (अमुम्) अमुकनामानम् (आमुष्यायणम्) म० ३६। अमुष्य पुरुषस्य पुत्रम् (अमुष्याः) अमुकजनन्याः (पुत्रम्) (अन्ने) अन्नसंयमने (प्राणे) वायुसंयमने (बधान) निगृहाण ॥