बार पढ़ा गया
पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी
परमात्मा के गुणों का उपदेश।
पदार्थान्वयभाषाः - (अलाबुकम्) न डूबनेवाला और (निखातकम्) दृढ़ जमा हुआ है ॥२॥
भावार्थभाषाः - वह ब्रह्म निराधार अकेला होकर सबका आधार और बनानेवाला है, वायु आदि पदार्थ उसकी आज्ञा में चलते हैं। सब मनुष्य उसकी उपासना करें ॥१-४॥
टिप्पणी: २−(अलाबुकम्) म० १। (निखातकम्) खनु अवदारणे-क्त, स्वार्थे कन्। खनित्वा दृढीकृत्य स्थापितम् ॥