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पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी
ऐश्वर्य की प्राप्ति का उपदेश।
पदार्थान्वयभाषाः - (वरुणः) श्रेष्ठ [धनी पुरुष] (वस्वभिः) श्रेष्ठ वस्तुओं के साथ (याति) चलता है ॥३॥
भावार्थभाषाः - मनुष्य पूर्वज विद्वानों के समान विघ्नों को हटाकर अनेक प्रकार के ऐश्वर्य प्राप्त करें ॥१-॥
टिप्पणी: ३−(वरुणः) श्रेष्ठः। धनी पुरुषः (याति) गच्छति (वस्वभिः) वसुभिः। श्रेष्ठवस्तुभिः ॥