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ए॒तं पृ॑च्छ॒ कुहं॑ पृच्छ ॥

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

एतम् । पृच्छ । कुहम् । पृच्छ ॥१३०.५॥

अथर्ववेद » काण्ड:20» सूक्त:130» पर्यायः:0» मन्त्र:5


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पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी

मनुष्य के लिये पुरुषार्थ का उपदेश।

पदार्थान्वयभाषाः - (एतम्) इस [प्रश्न] को (कुहम्) अद्भुत स्वभाववाले मनुष्य से (पृच्छ) पूछ, (पृच्छ) पूछ ॥॥
भावार्थभाषाः - मनुष्य विवेकी, क्रियाकुशल विद्वानों से शिक्षा लेता हुआ विद्याबल से चमत्कारी, नवीन-नवीन आविष्कार करके उद्योगी होवे ॥१-६॥
टिप्पणी: −(एतम्) प्रश्नम् (पृच्छ) (कुहम्) कुह विस्मापने-क। अद्भुतस्वभावं पुरुषम् (पृच्छ) ॥