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को अ॑सि॒द्याः पयः॑ ॥

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

क: । असिद्या: । पय: । १३०.२॥

अथर्ववेद » काण्ड:20» सूक्त:130» पर्यायः:0» मन्त्र:2


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पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी

मनुष्य के लिये पुरुषार्थ का उपदेश।

पदार्थान्वयभाषाः - (कः) कौन (असिद्याः) बिना बन्धनवाली क्रिया के (पयः) अन्न को ॥२॥
भावार्थभाषाः - मनुष्य विवेकी, क्रियाकुशल विद्वानों से शिक्षा लेता हुआ विद्याबल से चमत्कारी, नवीन-नवीन आविष्कार करके उद्योगी होवे ॥१-६॥
टिप्पणी: २−(कः) (असिद्याः) षिञ् बन्धने-क्तिन्, तस्य दः। असित्याः। बन्धनरहितक्रियायाः (पयः) पय गतौ-असुन्। अन्नम्-निघ० २।७ ॥