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पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी
ऐश्वर्य की प्राप्ति का उपदेश।
पदार्थान्वयभाषाः - (भगः) सेवनीय [परमेश्वर] (मा) मुझे (भगेन) सेवनीय ऐश्वर्य के साथ (अवतु) बचावे, (प्राणाय) प्राण के लिये..... [मन्त्र ६] ॥९॥
भावार्थभाषाः - मन्त्र ६ के समान है ॥९॥
टिप्पणी: ९−(भगः) सेवनीयः परमेश्वरः (भगेन) सेवनीयेनैश्वर्येण। अन्यत् पूर्ववत् ॥