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भगो॑ म॒ भगे॑नावतु प्रा॒णाया॑पा॒नायायु॑षे॒ वर्च॑स॒ ओज॑से तेज॑से स्व॒स्तये॑ सुभू॒तये॒ स्वाहा॑ ॥

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

भगः। मा। भगेन। अवतु। प्राणाय। अपानाय। आयुषे। वर्चसे। ओजसे। तेजसे। स्वस्तये। सुऽभूतये। स्वाहा ॥४५.९॥

अथर्ववेद » काण्ड:19» सूक्त:45» पर्यायः:0» मन्त्र:9


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पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी

ऐश्वर्य की प्राप्ति का उपदेश।

पदार्थान्वयभाषाः - (भगः) सेवनीय [परमेश्वर] (मा) मुझे (भगेन) सेवनीय ऐश्वर्य के साथ (अवतु) बचावे, (प्राणाय) प्राण के लिये..... [मन्त्र ६] ॥९॥
भावार्थभाषाः - मन्त्र ६ के समान है ॥९॥
टिप्पणी: ९−(भगः) सेवनीयः परमेश्वरः (भगेन) सेवनीयेनैश्वर्येण। अन्यत् पूर्ववत् ॥