वांछित मन्त्र चुनें

सोमो॑ मा॒ सौम्ये॑नावतु प्रा॒णाया॑पा॒नायायु॑षे॒ वर्च॑स॒ ओज॑से तेज॑से स्व॒स्तये॑ सुभू॒तये॒ स्वाहा॑ ॥

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

सोमः। मा। सौम्येन। अवतु। प्राणाय। अपानाय। आयुषे। वर्चसे। ओजसे। तेजसे। स्वस्तये। सुऽभूतये। स्वाहा ॥४५.८॥

अथर्ववेद » काण्ड:19» सूक्त:45» पर्यायः:0» मन्त्र:8


बार पढ़ा गया

पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी

ऐश्वर्य की प्राप्ति का उपदेश।

पदार्थान्वयभाषाः - (सोमः) शान्तस्वभाव परमेश्वर (मा) मुझे (सौम्येन) शान्त गुण के साथ (अवतु) बचावे, (प्राणाय) प्राण के लिये..... [मन्त्र ६] ॥८॥
भावार्थभाषाः - मन्त्र ६ के समान है ॥८॥
टिप्पणी: ८−(सोमः) शान्तस्वभावः परमेश्वरः (सौम्येन) शान्तगुणेन। अन्यत् पूर्ववत् ॥