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अथर्ववेद में सूक्त-५४ के 3 संदर्भ मिले

देवता : इन्द्रः ऋषि : रेभः छन्द : अतिजगती स्वर : सूक्त-५४

विश्वाः पृतना अभिभूतरं नरं सजूस्ततक्षुरिन्द्रं जजनुश्च राजसे। क्रत्वा वरिष्ठं वर आमुरिमुतोग्रमोजिष्ठं तवसं तरस्विनम् ॥