ब्रह्मणा ते ब्रह्मयुजा युनज्मि हरी सखाया सधमाद आशू। स्थिरं रथं सुखमिन्द्राधितिष्ठन्प्रजानन्विद्वाँ उप याहि सोमम् ॥
अथर्ववेद में सूक्त-८६ के 1 संदर्भ मिले
ब्रह्मणा ते ब्रह्मयुजा युनज्मि हरी सखाया सधमाद आशू। स्थिरं रथं सुखमिन्द्राधितिष्ठन्प्रजानन्विद्वाँ उप याहि सोमम् ॥