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  • ऋग्वेद में स्यामा के 2 संदर्भ मिले
  • अथर्ववेद में स्यामा के 24 संदर्भ मिले
स्यामा के 26 सन्दर्भ मिले Page 2 of 2

Atharvaveda/10/10/33

देवता: वशा ऋषि: कश्यपः छन्द: अनुष्टुप् स्वर: वशागौ सूक्त

ब्राह्मणेभ्यो वशां दत्त्वा सर्वांल्लोकान्त्समश्नुते। ऋतं ह्य।स्यामार्पितमपि ब्रह्माथो तपः ॥


Atharvaveda/11/1/12

देवता: ब्रह्मौदनः ऋषि: ब्रह्मा छन्द: त्रिष्टुप् स्वर: ब्रह्मौदन सूक्त

उपश्वसे द्रुवये सीदता यूयं वि विच्यध्वं यज्ञियासस्तुषैः। श्रिया समानानति सर्वान्त्स्यामाधस्पदं द्विषतस्पादयामि ॥


Atharvaveda/11/1/21

देवता: ब्रह्मौदनः ऋषि: ब्रह्मा छन्द: विराड्जगती स्वर: ब्रह्मौदन सूक्त

उदेहि वेदिं प्रजया वर्धयैनां नुदस्व रक्षः प्रतरं धेह्येनाम्। श्रिया समानानति सर्वान्त्स्यामाधस्पदं द्विषतस्पादयामि ॥


Atharvaveda/12/1/9

देवता: भूमिः ऋषि: अथर्वा छन्द: परानुष्टुप्त्रिष्टुप् स्वर: भूमि सूक्त

स्यामापः परिचराः समानीरहोरात्रे अप्रमादं क्षरन्ति। सा नो भूमिर्भूरिधारा पयो दुहामथो उक्षतु वर्चसा ॥


Atharvaveda/12/1/37

देवता: भूमिः ऋषि: अथर्वा छन्द: त्रिष्टुप् स्वर: भूमि सूक्त

याप सर्पं विजमाना विमृग्वरी यस्यामासन्नग्नयो ये अप्स्वन्तः। परा दस्यून्ददती देवपीयूनिन्द्रं वृणाना पृथिवी न वृत्रम्। शक्राय दध्रे वृषभाय वृष्णे ॥


Atharvaveda/12/1/41

देवता: भूमिः ऋषि: अथर्वा छन्द: त्र्यवसाना षट्पदा ककुम्मती शक्वरी स्वर: भूमि सूक्त

यस्यां गायन्ति नृत्यन्ति भूम्यां मर्त्या व्यैलबाः। युध्यन्ते यस्यामाक्रन्दो यस्यां वदति दुन्दुभिः। सा नो भूमिः प्र णुदतां सपत्नानसपत्नं मा पृथिवी कृणोतु ॥