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सामवेद में पृथुर्वैन्यः के 1 संदर्भ मिले

सुष्वाणास इन्द्र स्तुमसि त्वा सनिष्यन्तश्चित्तुविनृम्ण वाजम् । आ नो भर सुवितं यस्य कोना तना त्मना सह्यामात्वोताः ॥३१६॥