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तं ते॑ सो॒तारो॒ रसं॒ मदा॑य पु॒नन्ति॒ सोमं॑ म॒हे द्यु॒म्नाय॑ ॥

अंग्रेज़ी लिप्यंतरण

taṁ te sotāro rasam madāya punanti somam mahe dyumnāya ||

पद पाठ

तम् । ते॒ । सो॒तारः॑ । रस॑म् । मदा॑य । पु॒नन्ति॑ । सोम॑म् । म॒हे । द्यु॒म्नाय॑ ॥ ९.१०९.११

ऋग्वेद » मण्डल:9» सूक्त:109» मन्त्र:11 | अष्टक:7» अध्याय:5» वर्ग:21» मन्त्र:1 | मण्डल:9» अनुवाक:7» मन्त्र:11


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आर्यमुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (सोतारः) उपासक लोग (ते) तुम्हारे (तं) उस (सोमं) शान्तिरूप (रसं) आनन्द को (मदाय) आनन्दित होने के लिये तथा (महे, द्युम्नाय) बड़े ऐश्वर्य्यप्राप्ति के लिये धारणा द्वारा (पुनन्ति) पवित्र करते हैं ॥११॥
भावार्थभाषाः - इस मन्त्र का भाव यह है कि उपासक लोग इस विराट् स्वरूप को देखकर ईश्वर की धारणा अपने हृदय में करते हैं, यही इस ऐश्वर्य्य को पवित्र बनाना है ॥११॥
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आर्यमुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (सोतारः) उपासकाः (ते) तव (तं, रसं) तमानन्दं (मदाय) आनन्दितः स्यामितीच्छया (सोमम्) शान्तिरूपं (महे, द्युम्नाय) महैश्वर्याय धारणया (पुनन्ति) पवित्रयन्ति ॥११॥