प्र दे॒वं दे॒व्या धि॒या भर॑ता जा॒तवे॑दसम् । ह॒व्या नो॑ वक्षदानु॒षक् ॥
                                    अंग्रेज़ी लिप्यंतरण
                  
                                  मन्त्र उच्चारण
                  pra devaṁ devyā dhiyā bharatā jātavedasam | havyā no vakṣad ānuṣak ||
                  पद पाठ 
                  
                                प्र । दे॒वम् । दे॒व्या । धि॒या । भर॑त । जा॒तऽवे॑दसम् । ह॒व्या । नः॒ । व॒क्ष॒त् । आनु॒षक् ॥ १०.१७६.२
                  ऋग्वेद » मण्डल:10» सूक्त:176» मन्त्र:2 
                  | अष्टक:8» अध्याय:8» वर्ग:34» मन्त्र:2 
                  | मण्डल:10» अनुवाक:12» मन्त्र:2
                
              
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                    ब्रह्ममुनि
                   पदार्थान्वयभाषाः -  (जातवेदसं देवम्) जात-उत्पन्नमात्र वस्तुएँ जानी जाती हैं जिसके द्वारा, ज्ञानदाता उस परमेश्वरदेव को या प्रकाशदाता सूर्यदेव को (देव्या धिया) उसी देव की वाणी से या उसी देव की प्रकाशक्रिया से (प्र भरत) हे विद्वानों ! अपने को ज्ञान से भरो या प्रकाश से भरो (नः) हमारे लिए (हव्या) लेने योग्य वस्तुओं को (आनुषक्) अनुकूलता से (वक्षत्) प्राप्त कराओ ॥२॥              
              
              
                            
                  भावार्थभाषाः -  विद्वान् जन वेदवाणी द्वारा परमात्मा की स्तुति प्रार्थना करें और विद्वान् लोग सूर्य का ज्ञान-विज्ञान प्रक्रिया से करें और साधारण जनों के लिए आवश्यक ज्ञानविषयों तथा वस्तुओं का आविष्कार कर  सकते हैं ॥२॥              
              
              
                            
              
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                    ब्रह्ममुनि
                   पदार्थान्वयभाषाः -  (जातवेदसं देवं देव्या धिया प्र भरत) हे विद्वांसः ! यूयं जातानि-उत्पन्नानि वस्तूनि वेद्यन्ते ज्ञायन्ते येन तं परमेश्वरं सूर्यं वा तं देवं ज्ञानदातारं प्रकाशदातारं वा देव्या धिया तदीयया वाचा “वाग्वै धीः” [का० श० ४।१।४।१३] धीरसीति “ध्यायते हि वाचेत्थं चेत्थं च” [काठ० १४।३] यद्वा तदीयप्रकाशकर्मणा “धीः कर्मनाम” [निघ० २।१] प्रकृष्टं-धारयत प्रार्थयध्वम् यद्वा सेवध्वम् (नः-हव्या-आनुषक्-वक्षत्) अस्मभ्यमादातव्यानि वस्तूनि खल्वानुकूल्येन प्रापयेत् ॥२॥              
              
              
              
              
                            
              
            
                  