दे॒वस्य॑ त्वा सवि॒तुः प्र॑स॒वे᳕ऽश्विनो॑र्बा॒हुभ्यां॑ पू॒ष्णो हस्ता॑भ्याम्। अ॒ग्नीषोमा॑भ्यां॒ जुष्टं॒ नियु॑नज्मि। अ॒द्भ्यस्त्वौष॑धी॒भ्योऽनु॑ त्वा मा॒ता म॑न्यता॒मनु॑ पि॒तानु॒ भ्राता॒ सग॒र्भ्योऽनु॒ सखा॒ सयू॑थ्यः। अ॒ग्नीषोमा॑भ्यां त्वा॒ जुष्टं॒ प्रोक्षा॑मि ॥९॥
दे॒वस्य॑ त्वा॒। स॒वि॒तुः। प्र॒स॒व इति॑ प्रऽस॒वे। अ॒श्विनोः॑। बा॒हुभ्या॒मिति॑ बा॒हुऽभ्याम्। पू॒ष्णः। हस्ता॑भ्याम्। अ॒ग्नीषोमा॑भ्याम्। जुष्ट॑म्। नि। यु॒न॒ज्मि॒। अ॒द्भ्य इत्य॒द्ऽभ्यः। त्वा॒। ओष॑धीभ्यः। अनु॑। त्वा॒। मा॒ता। म॒न्य॒ता॒म्। अनु॑। पि॒ता। अनु॑। भ्राता॑। सगर्भ्य॒ इति॑ सऽगर्भ्यः। अनु॑। सखा॑। सयू॑थ्य इति॑ सऽयू॑थ्यः। अ॒ग्नीषोमा॑भ्याम्। त्वा॒। जुष्ट॑म्। प्र। उ॒क्षा॒मि॒ ॥९॥