Go To Mantra

तद्विष्णोः॑ पर॒मं प॒दꣳ सदा॑ पश्यन्ति सूरयः॑। दि॒वी᳖व॒ चक्षु॒रात॑तम् ॥५॥

Mantra Audio
Pad Path

तत्। विष्णोः॑। प॒र॒मम्। प॒दम्। सदा॑। प॒श्य॒न्ति॒। सू॒रयः॑। दि॒वी᳕वेति॑ दिविऽइ॑व। चक्षुः॑। आत॑त॒मित्यात॑तम् ॥५॥

Yajurveda » Adhyay:6» Mantra:5