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सि॒ह्य᳖सि सपत्नसा॒ही दे॒वेभ्यः॑ कल्पस्व सि॒ह्य᳖सि सपत्नसा॒ही दे॒वेभ्यः॑ शुन्धस्व सि॒ह्य᳖सि सपत्नसा॒ही दे॒वेभ्यः॑ शुम्भस्व ॥१०॥

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Pad Path

सि॒ꣳही। अ॒सि॒। स॒प॒त्न॒सा॒ही। स॒प॒त्न॒सहीति॑ सपत्न॒ऽसही। दे॒वेभ्यः॑। क॒ल्प॒स्व॒। सि॒ꣳही। अ॒सि॒। स॒प॒त्न॒सा॒ही। स॒प॒त्न॒स॒हीति॑ सपत्नऽस॒ही। दे॒वेभ्यः॑। शु॒न्ध॒स्व॒। सि॒ꣳही। अ॒सि॒। स॒प॒त्न॒सा॒ही। स॒प॒त्न॒स॒हीति॑ सपत्नऽस॒ही। दे॒वेभ्यः॑। शु॒म्भ॒स्व॒ ॥१०॥

Yajurveda » Adhyay:5» Mantra:10