Go To Mantra

रेतो॒ मूत्रं॒ विज॑हाति॒ योनिं॑ प्रवि॒शदि॑न्द्रि॒यम्। गर्भो ज॒रायु॒णावृ॑त॒ऽउल्बं॑ जहाति॒ जन्म॑ना। ऋ॒तेन॑ स॒त्यमि॑न्द्रि॒यं वि॒पान॑ꣳ शु॒क्रमन्ध॑स॒ऽइन्द्र॑स्येन्द्रि॒यमि॒दं पयो॒ऽमृतं॒ मधु॑ ॥७६ ॥

Mantra Audio
Pad Path

रेतः॑। मूत्र॑म्। वि। ज॒हा॒ति॒। योनि॑म्। प्र॒वि॒शदिति॑ प्रऽवि॒शत्। इ॒न्द्रि॒यम्। गर्भः॑। ज॒रायु॑णा। आवृ॑त॒ इत्यावृ॑तः। उल्व॑म्। ज॒हा॒ति॒। जन्म॑ना। ऋ॒तेन॑। स॒त्यम्। इ॒न्द्रि॒यम्। वि॒पान॒मिति॑ वि॒ऽपान॑म्। शु॒क्रम्। अन्ध॑सः। इन्द्र॑स्य। इ॒न्द्रि॒यम्। इ॒दम्। पयः॑। अ॒मृत॑म्। मधु॑ ॥७६ ॥

Yajurveda » Adhyay:19» Mantra:76