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प्र दा॑नु॒दो दि॒व्यो दा॑नुपि॒न्व ऋ॒तमृ॒ताय॑ पवते सुमे॒धाः । ध॒र्मा भु॑वद्वृज॒न्य॑स्य॒ राजा॒ प्र र॒श्मिभि॑र्द॒शभि॑र्भारि॒ भूम॑ ॥

English Transliteration

pra dānudo divyo dānupinva ṛtam ṛtāya pavate sumedhāḥ | dharmā bhuvad vṛjanyasya rājā pra raśmibhir daśabhir bhāri bhūma ||

Pad Path

प्र । दा॒नु॒ऽदः । दि॒व्यः । दा॒नु॒ऽपि॒न्वः । ऋ॒तम् । ऋ॒ताय॑ । प॒व॒ते॒ । सु॒ऽमे॒धाः । ध॒र्मा । भु॒व॒त् । वृ॒ज॒न्य॑स्य । राजा॑ । प्र । रा॒स्मिऽभिः॑ । द॒शऽभिः॑ । भा॒रि॒ । भूम॑ ॥ ९.९७.२३

Rigveda » Mandal:9» Sukta:97» Mantra:23 | Ashtak:7» Adhyay:4» Varga:15» Mantra:3 | Mandal:9» Anuvak:6» Mantra:23


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सुमेधाः) स्वप्रकाश परमात्मा (ऋतम्) सच्चाई को (ऋताय) कर्मयोगी के लिये (पवते) पवित्र करता है, वह परमात्मा (दानुपिन्वः) जिज्ञासुओं को धन दानादिकों से पुष्ट करनेवाला है, (दिव्यः) दिव्य है, (दानुदः) सब दाताओं का दाता है, वह (धर्मा भुवत्) सब धर्मों को धारण करनेवाला है, (वृजन्यस्य) साधुबल का धारण करनेवाला है, (रश्मिभिर्दशभिः) पाँच सूक्ष्म पाँच स्थूल भूतों की शक्तियों द्वारा (भूम, प्रभारि) इस चराचर जगत् को धारण कर रहा है और (राजा) सब लोक-लोकान्तरों का प्रकाश करनेवाला है ॥२३॥
Connotation: - परमात्मा इस चराचर जगत् का निर्माण करनेवाला है, उसी ने सम्पूर्ण संसार को रचकर धर्म की मर्यादा को बाँधा है ॥२३॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सुमेधाः) सर्वज्ञः परमात्मा (ऋतं) सत्यतां (ऋताय) कर्मयोगिने (पवते) पुनाति स च (दानुपिन्वः) जिज्ञासूनां धनादिभिः पुष्टिकारकः (दिव्यः) तेजोमयः (दानुदः) दातॄणामपि दातास्ति (धर्मा, भुवत्) अखिलधर्माणां धारकः (वृजन्यस्य) बलस्य च धारकः (रश्मिभिः, दशभिः) स्थूलसूक्ष्मभेदेन दशसंख्याकभूतानां शक्तिभिः (भूम, प्र, भारि) चराचरं जगद्धारयति (राजा) अखिलसृष्टेः प्रकाशकश्च ॥२३॥