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पव॑मान॒ महि॒ श्रवो॒ गामश्वं॑ रासि वी॒रव॑त् । सना॑ मे॒धां सना॒ स्व॑: ॥

English Transliteration

pavamāna mahi śravo gām aśvaṁ rāsi vīravat | sanā medhāṁ sanā svaḥ ||

Pad Path

पव॑मान । महि॑ । श्रवः॑ । गाम् । अश्व॑म् । रा॒सि॒ । वी॒रऽव॑त् । सना॑ । मे॒धाम् । सना॑ । स्वः॑ ॥ ९.९.९

Rigveda » Mandal:9» Sukta:9» Mantra:9 | Ashtak:6» Adhyay:7» Varga:33» Mantra:4 | Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:9


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (पवमान) हे सबको पवित्र करनेवाले परमात्मन् ! (महि, श्रवः) हमको सर्वोपरि आनन्द प्रदान करो और (गाम् अश्वम्) गौ अश्वादि नाना प्रकार के ऐश्वर्य के साधन (रासि) आप हमको दें और (वीरवत्) वीरता धर्मवाले मनुष्य (सना) देवें (मेधाम्) बुद्धि और (स्वः) स्वर्ग (सना) देवें ॥९॥
Connotation: - जिस जाति वा धर्म पर परमात्मा की अत्यन्त कृपा होती है, उसको परमात्मा नाना प्रकार के ऐश्वर्य के साधन प्रदान करता है और शुद्ध बुद्धि तथा सर्वोपरि आनन्द का प्रदान करता है ॥९॥३३॥ यह नवमाँ सूक्त और तेतीसवाँ वर्ग समाप्त हुआ ॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (पवमान) हे सर्वपावक परमात्मन् ! (महि, श्रवः) मह्यं सर्वातिरिक्तमानन्दं प्रयच्छ तथा (गाम्, अश्वम्) गवाश्वादिविविधैश्वर्यसाधनानि (रासि) मह्यं देहि, तथा (वीरवत्) वीर्यवतो जनान् (सना) प्रयच्छ (मेधाम्) बुद्धिं च (स्वः) स्वर्गं च (सना) देहि ॥९॥ इति नवमं सूक्तं त्रयस्त्रिंशत्तमो वर्गश्च समाप्तः ॥