Go To Mantra

स सू॒नुर्मा॒तरा॒ शुचि॑र्जा॒तो जा॒ते अ॑रोचयत् । म॒हान्म॒ही ऋ॑ता॒वृधा॑ ॥

English Transliteration

sa sūnur mātarā śucir jāto jāte arocayat | mahān mahī ṛtāvṛdhā ||

Pad Path

सः । सू॒नुः । मा॒तरा॑ । शुचिः॑ । जा॒तः । जा॒ते इति॑ । अ॒रो॒च॒य॒त् । म॒हान् । म॒ही । ऋ॒त॒ऽवृधा॑ ॥ ९.९.३

Rigveda » Mandal:9» Sukta:9» Mantra:3 | Ashtak:6» Adhyay:7» Varga:32» Mantra:3 | Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:3


Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सः) वह कर्मयोगी पुरुष (शुचिः) पवित्र है (महान्) विशालात्मावाला है (ऋता, वृधा) यज्ञ के बढ़ानेवाले (मही) महान् (जाते) विश्व के उत्पन्न करनेवाले (मातरा) जो माता पितारूप द्युलोक और पृथिवीलोक हैं, तिनका (जातः, सूनुः) वह सच्चा पुत्र है (अरोचयत्) और वह कर्मयोग से उनको ऐश्वर्यसम्पन्न करता है ॥३॥
Connotation: - द्युलोक और पृथिवीलोक के मध्य में कर्मयोगी ही एक ऐसा पुरुष है, जो अपने कर्मों द्वारा संसार को प्रकाशित करता है। इसी अभिप्राय से उसको द्युलोक और पृथिवीलोक का सच्चा पुत्र कहा गया है ॥३॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सः) कर्मयोगी (शुचिः) पवित्रोऽस्ति (महान्) विशालात्माऽस्ति (ऋता, वृधा) यज्ञस्य वर्धयित्रोः (मही) महतोः (जाते) विश्वस्य जनयित्रोः (मातरा) मातापितृरूपिणोः द्युलोकपृथिवीलोकयोः (जातः, सूनुः) सत्यः पुत्रोऽस्ति (अरोचयत्) स कर्मयोगेण तावैश्वर्यसम्पन्नौ करोति ॥३॥