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प्र सु॑वा॒न इन्दु॑रक्षाः प॒वित्र॒मत्य॒व्यय॑म् । पु॒ना॒न इन्दु॒रिन्द्र॒मा ॥

English Transliteration

pra suvāna indur akṣāḥ pavitram aty avyayam | punāna indur indram ā ||

Pad Path

प्र । सु॒वा॒नः । इन्दुः॑ । अ॒क्षा॒रिति॑ । प॒वित्र॑म् । अति॑ । अ॒व्यय॑म् । पु॒ना॒नः । इन्दुः॑ । इन्द्र॑म् । आ ॥ ९.६६.२८

Rigveda » Mandal:9» Sukta:66» Mantra:28 | Ashtak:7» Adhyay:2» Varga:12» Mantra:3 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:28


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सुवानः) सबको उत्पन्न करनेवाले तथा (इन्दुः) सर्वप्रकाशक परमात्मा (प्राक्षाः) आनन्द की वृष्टि करता है। तथा (पुनानः) पवित्र करनेवाला जगदीश (इन्द्रम्) कर्मयोगी को (पवित्रमव्ययम्) पवित्र अव्ययभाव को देता हुआ तथा उनके अन्तःकरणों में (आ) निवास करता हुआ (अति) “अत्येति” अज्ञान का नाश करता है ॥२८॥
Connotation: - यद्यपि मनुष्यमात्र के हृदय में परमात्मा विराजमान है। उससे एक अणुमात्र भी खाली नहीं है, तथापि कर्मयोगी और ज्ञानयोगियों के हृदय में योगज सामर्थ्य से अधिक अभिव्यक्ति समझी जाती है। इस अभिप्राय से परमात्मा का आवेश यहाँ योगीजनों के हृदय में कथन किया गया है ॥२८॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सुवानः) सर्वोत्पादकः (इन्दुः) सकलप्रकाशकः परमात्मा (प्राक्षाः) आनन्दस्य वृष्टिं करोति। तथा (पुनानः) पविता परमेश्वरः (इन्द्रम्) कर्मयोगिने (पवित्रमव्ययम्) पवित्रमव्ययं च भावं ददन् तथा तेषामन्तःकरणेषु (आ) आवसन् (अति) अत्येति अज्ञानं नाशयतीत्यर्थः “अति” इत्युपसर्गश्रुतेर्योग्यक्रियाया “एति” इत्यस्याध्याहारः ॥२८॥