हि॒न्वा॒नो वाच॑मिष्यसि॒ पव॑मान॒ विध॑र्मणि । अक्रा॑न्दे॒वो न सूर्य॑: ॥
English Transliteration
hinvāno vācam iṣyasi pavamāna vidharmaṇi | akrān devo na sūryaḥ ||
Pad Path
हि॒न्वा॒नः । वाच॑म् । इ॒ष्य॒सि॒ । पव॑मान । विऽध॑र्मणि । अक्रा॑न् । दे॒वः । न । सूर्यः॑ ॥ ९.६४.९
Rigveda » Mandal:9» Sukta:64» Mantra:9
| Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:37» Mantra:4
| Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:9
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - हे परमात्मन् ! (सूर्यः) सूर्य के (न) समान (देवः) आप प्रकाशस्वरूप हैं और (विधर्मणि) सब अधिकरणों का (अक्रान्) आप अतिक्रमण करते हैं। (पवमान) सबको पवित्र करते हुए (वाचमिष्यसि) आप वेदरूपी वाणी की इच्छा करते हैं। (हिन्वानः) आप सर्वप्रेरक हैं ॥९॥
Connotation: - इस मन्त्र में सूर्य का दृष्टान्त देकर परमात्मा का स्वतः प्रकाश वर्णन किया है ॥ यद्यपि वास्तव में सूर्य स्वतःप्रकाश नहीं है, तथापि लोक की प्रसिद्धि से सूर्य को स्वतःप्रकाश मानकर यहाँ सूर्य का दृष्टान्त दिया गया है। वास्तव में परमात्मा निरपेक्ष स्वतःप्रकाश है ॥९॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - हे परमात्मन् ! (सूर्यः न) सूर्य इव (देवः) भवान् प्रकाशस्वरूपोऽस्ति। अथ च (विधर्मणि) सर्वाधिकरणानि (अक्रान्) अतिक्राम्यसि (पवमान) समस्तान् पवित्रयन् (वाचमिष्यसि) त्वं वेदवाणीमिच्छसि। अथ च (हिन्वानः) सर्वप्रेरकोऽसि ॥९॥