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इन्दु॑: पविष्ट॒ चेत॑नः प्रि॒यः क॑वी॒नां म॒ती । सृ॒जदश्वं॑ र॒थीरि॑व ॥

English Transliteration

induḥ paviṣṭa cetanaḥ priyaḥ kavīnām matī | sṛjad aśvaṁ rathīr iva ||

Pad Path

इन्दुः॑ । प॒वि॒ष्ट॒ । चेत॑नः । प्रि॒यः । क॒वी॒नाम् । म॒ती । सृ॒जत् । अश्व॑म् । र॒थीःऽइ॑व ॥ ९.६४.१०

Rigveda » Mandal:9» Sukta:64» Mantra:10 | Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:37» Mantra:5 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:10


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (इन्दुः) परमात्मा स्वतःप्रकाश है। (पविष्ट) सबको पवित्र करनेवाला है (चेतनः) चिद्रूप है (कवीनां प्रियः) विद्वानों का प्रिय है। (मती) बुद्धिरूप है (अश्वम्) सर्वोपरि विद्युदादि शक्तियों को (सृजत्) रचा है और वह परमात्मा (रथीरिव) महारथी के समान तेजस्वी होकर विराजमान है ॥१०॥
Connotation: - इस मन्त्र में परमात्मा को चेतनस्वरूप वर्णन करने के लिये चेतन शब्द स्पष्ट आया है। जो लोग यह कहा करते हैं कि वेद में परमात्मा को ज्ञानस्वरूप कहनेवाले शब्द नहीं आते, उनको इस मन्त्र से शिक्षा लेनी चाहिये ॥१०॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (इन्दुः) परमात्मा स्वयं प्रकाशशीलोऽस्ति। (पविष्ट) सर्वपवित्रकर्ता चास्ति। (चेतनः) अथ च चिद्रूपोऽस्ति (कवीनां प्रियः) विद्वज्जनानां प्रियः (मती) बुद्धिस्वरूपोऽस्ति (अश्वम्) सर्वोत्कृष्टविद्युदादिशक्तीः (सृजत्) अरचयत्। अथ च स परमात्मा (रथीरिव) महारथ इव तेजस्वी तिष्ठति ॥१०॥