Go To Mantra

इष॒मूर्जं॑ च पिन्वस॒ इन्द्रा॑य मत्स॒रिन्त॑मः । च॒मूष्वा नि षी॑दसि ॥

English Transliteration

iṣam ūrjaṁ ca pinvasa indrāya matsarintamaḥ | camūṣv ā ni ṣīdasi ||

Pad Path

इष॑म् । ऊर्ज॑म् । च॒ । पि॒न्व॒सः॒ । इन्द्रा॑य । म॒त्स॒रिन्ऽत॑मः । च॒मूषु॑ । आ । नि । सी॒द॒सि॒ ॥ ९.६३.२

Rigveda » Mandal:9» Sukta:63» Mantra:2 | Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:30» Mantra:2 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:2


Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - हे परमात्मन् ! (चमूषु) आप सब सेनाओं में (आ निषीदसि) नियामकरूप से स्थित हैं। आप (इन्द्राय) शूरवीर के लिये (मत्सरिन्तमः) अत्यन्त मद करनेवाला वीरता का भाव उत्पन्न करें। (इषं च) ऐश्वर्य (ऊर्जम्) और बल (पिन्वसे) धारण कराइये ॥२॥
Connotation: - राजधर्म के लिये अनन्त प्रकार के ऐश्वर्य की आवश्यकता होती है, इसलिये परमात्मा से इस मन्त्र में अनन्त सामर्थ्य की प्रार्थना की गई है ॥२॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - हे जगदीश्वर ! (चमूषु) सर्वासु सेनासु (आ निषीदसि) नियामकरूपेण स्थितोऽसि। भवान् (इन्द्राय) परमैश्वर्यशालिने शूराय (मत्सरिन्तमः) अतिमदकारकं वीरभावमुत्पादयतु। (इषं च) ऐश्वर्यं (ऊर्जम्) बलं च (पिन्वसे) धारयतु ॥२॥