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आ प॑वस्व॒ हिर॑ण्यव॒दश्वा॑वत्सोम वी॒रव॑त् । वाजं॒ गोम॑न्त॒मा भ॑र ॥

English Transliteration

ā pavasva hiraṇyavad aśvāvat soma vīravat | vājaṁ gomantam ā bhara ||

Pad Path

आ । प॒व॒स्व॒ । हिर॑ण्यऽवत् । अश्व॑ऽवत् । सो॒म॒ । वी॒रऽव॑त् । वाज॑म् । गोऽम॑न्तम् । आ । भ॒र॒ ॥ ९.६३.१८

Rigveda » Mandal:9» Sukta:63» Mantra:18 | Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:33» Mantra:3 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:18


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - हे परमात्मन् ! आप (आपवस्व) हमको सब ओर से पवित्र करें। आप (हिरण्यवत्) सब प्रकार के ऐश्वर्यवाले हैं (अश्वावत्) सर्वशक्तिसम्पन्न हैं (वीरवत्) विविध प्रकार के वीरों के स्वामी हैं। आप हमको (गोमन्तं वाजम्) ज्ञान के ऐश्वर्य से (आभर) भरपूर करिये ॥१८॥
Connotation: - जो लोग परमात्मपरायण होते हैं, उनको परमात्मा विज्ञानादि अनन्त प्रकार के ऐश्वर्य से परिपूर्ण करता है ॥१८॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सोम) हे परमात्मन् ! भवान् (आपवस्व) अस्मान् परितः पवित्रयतु। भवान् (हिरण्यवत्) समस्तै- श्वर्यवानस्ति अथ च (अश्वावत्)। सर्वशक्तिसम्पन्नोऽस्ति (वीरवत्) विविधवीरस्वाम्यस्ति त्वं मां (गोमन्तं वाजम्) ज्ञानस्यैश्वर्येण (आ भर) परिपूरय ॥१८॥