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तमी॑ मृजन्त्या॒यवो॒ हरिं॑ न॒दीषु॑ वा॒जिन॑म् । इन्दु॒मिन्द्रा॑य मत्स॒रम् ॥

English Transliteration

tam ī mṛjanty āyavo hariṁ nadīṣu vājinam | indum indrāya matsaram ||

Pad Path

तम् । ई॒म् इति॑ । मृ॒ज॒न्ति॒ । आ॒यवः॑ । हरि॑म् । न॒दीषु॑ । वा॒जिन॑म् । इन्दु॑म् । इन्द्रा॑य । म॒त्स॒रम् ॥ ९.६३.१७

Rigveda » Mandal:9» Sukta:63» Mantra:17 | Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:33» Mantra:2 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:17


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (तं हरिं) उक्त गुणसम्पन्न परमात्मा को, (इन्दुम्) जो सबको अपने प्रेम से आर्द्रित करनेवाला है और (इन्द्राय मत्सरं) कर्मयोगी के लिये आह्लाद को उत्पन्न करनेवाला है (ईं वाजिनम्) बलस्वरूप को समृद्धियों में (नदीषु) सम्पूर्ण अभ्युदयों में (आयवः) मनुष्य लोग (मृजन्ति) अविद्या के परदे को हटाकर बुद्धिविषय बनाते हैं ॥१७॥
Connotation: - परमात्मा उपदेश करते हैं कि जो लोग आवरण को दूर करके परमात्मा का साक्षात्कार करते हैं, वे सब प्रकार के अभ्युदयों को प्राप्त होते हैं ॥१७॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (तं हरिम्) पूर्वोक्तगुणसम्पन्नं (इन्दुम्) स्वप्रेम्णार्द्रकारकम् अथ च (इन्द्राय मत्सरं) कर्मयोगिनामाह्लादकारकं (ईम् वाजिनम्) समृद्धिषु बलस्वरूपं तथा (नदीषु) समस्ताभ्युदयेषु (आयवः) मनुष्याः (मृजन्ति) अविद्यास्वरूपवनिकामुत्पाट्य बुद्धिविषयं कुर्वन्ति ॥१७॥