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परी॒तो वा॒यवे॑ सु॒तं गिर॒ इन्द्रा॑य मत्स॒रम् । अव्यो॒ वारे॑षु सिञ्चत ॥

English Transliteration

parīto vāyave sutaṁ gira indrāya matsaram | avyo vāreṣu siñcata ||

Pad Path

परि॑ । इ॒तः । वा॒यवे॑ । सु॒तम् । गिरः॑ । इन्द्रा॑य । म॒त्स॒रम् । अव्यः॑ । वारे॑षु । सि॒ञ्च॒त॒ ॥ ९.६३.१०

Rigveda » Mandal:9» Sukta:63» Mantra:10 | Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:31» Mantra:5 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:10


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (गिरः) हे स्तोता लोगों ! आप (इन्द्राय) कर्मयोगी के लिये और (वायवे) ज्ञानयोगी के लिये (इतः) इस कर्मभूमि में (मत्सरं) आह्लादजनक (सुतं) शील की वृष्टि करें और (वारेषु) सब वरणीय पदार्थों में (अव्यः) रक्षा की (परिषिञ्चत) सब ओर से वृष्टि करें ॥१०॥
Connotation: - परमात्मा उपदेश करता है कि जो वेदवेत्ता लोग ज्ञानयोग तथा कर्मयोग का उपदेश करते हैं, वे मानों अमृत की वृष्टि से अकर्मण्यतारूप मृत्यु से मृत लोगों का पुनरुज्जीवन करते हैं ॥१०॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (गिरः) हे स्तोतारो जनाः ! भवन्तः (इन्द्राय) कर्मयोगिने तथा (वायवे) ज्ञानयोगिने (इतः) कर्मभूमौ (मत्सरं सुतम्) आह्लादजनकं शीलं वर्षयन्तु। तथा (वारेषु) समस्तवरणीयपदार्थेषु (अव्यः परिषिञ्चत) परितो रक्षावृष्टिं कुर्वन्तु ॥१०॥