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शु॒भ्रमन्धो॑ दे॒ववा॑तम॒प्सु धू॒तो नृभि॑: सु॒तः । स्वद॑न्ति॒ गाव॒: पयो॑भिः ॥

English Transliteration

śubhram andho devavātam apsu dhūto nṛbhiḥ sutaḥ | svadanti gāvaḥ payobhiḥ ||

Pad Path

शु॒भ्रम् । अन्धः॑ । दे॒वऽवा॑तम् । अ॒प्ऽसु । धू॒तः । नृऽभिः॑ । सु॒तः । स्वद॑न्ति । गावः॑ । पयः॑ऽभिः ॥ ९.६२.५

Rigveda » Mandal:9» Sukta:62» Mantra:5 | Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:24» Mantra:5 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:5


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (देववातम्) उस दिव्यगुणसम्पन्न सेनाधिप की रक्षा से सुरक्षित तथा (नृभिः सुतः) प्रजाओं द्वारा पैदा किये गये जो अन्न (अप्सु धूतः) और जो जल से शुद्ध किया गया है (शुभ्रम् अन्धः) वीर्य और बुद्धि के वर्धक उस उज्ज्वल अन्न को (गावः पयोभिः) भली-भाँति जो कि गऊ के दुग्ध से संस्कृत है, ऐसे अन्न को (स्वदन्ति) प्रजागण उपभोग करते हैं ॥५॥
Connotation: - जिस देश में प्रजा की रक्षा करनेवाले सेनाधीश होते हैं, उस देश की प्रजा नाना प्रकार के अन्नों को दुग्ध से मिश्रित करके उपभोग करती है। तात्पर्य यह है कि राजधर्म से सुरक्षित ही ऐश्वर्य को भोग सकते हैं, अन्य नहीं, इसलिये परमात्मा ने इस मन्त्र में राजधर्म का उपदेश किया है ॥५॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (देववातम्) दिव्यगुणसम्पन्नस्य रक्षयोत्पन्नं तथा (नृभिः सुतः) प्रजाभिरुत्पादितं (अप्सु धूतः) जलैः शुद्धं च (शुभ्रम् अन्धः) वीर्यबुद्धिवर्धनेन उज्ज्वलम् अन्नं (गावः पयोभिः) गोदुग्धसंस्कृतं (स्वदन्ति) प्रजा उपभुञ्जते ॥५॥