Go To Mantra

उत्ते॒ शुष्मा॑सो अस्थू॒ रक्षो॑ भि॒न्दन्तो॑ अद्रिवः । नु॒दस्व॒ याः प॑रि॒स्पृध॑: ॥

English Transliteration

ut te śuṣmāso asthū rakṣo bhindanto adrivaḥ | nudasva yāḥ parispṛdhaḥ ||

Pad Path

उत् । ते॒ । शुष्मा॑सः । अ॒स्थुः॒ । रक्षः॑ । भि॒न्दन्तः॑ । अ॒द्रि॒ऽवः॒ । नु॒दस्व॑ । याः । प॒रि॒ऽस्पृधः॑ ॥ ९.५३.१

Rigveda » Mandal:9» Sukta:53» Mantra:1 | Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:10» Mantra:1 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:1


Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (अद्रिवः) हे शस्त्रों को धारण करनेवाले ! (ते शुष्मासः) आपकी शत्रुशोषक शक्तियें राक्षसों का नाश करती हुयी (रक्षः भिन्दन्तः) सदा उद्यत रहती हैं (उदस्थुः) जो आपके द्वेषी हैं, उनकी शक्तियों को वेगरहित करिये ॥१॥
Connotation: - परमात्मा में राग-द्वेषादि भावों का गन्ध भी नहीं है। जो लोग परमात्मोपदिष्ट मार्ग को छोड़कर यथेष्टाचार में रत हैं, उनके यथायोग्य फल देने के कारण परमात्मा उनका द्वेष्टा कथन किया गया है ॥१॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (अद्रिवः) हे शस्त्रधारिन् ! (ते शुष्मासः) भवतः शत्रुशोषिकाः शक्तयः (रक्षः भिन्दन्तः) रक्षांसि निघ्नन् (उदस्थुः) सदोद्यता भवन्ति | (नुदस्व याः परिस्पृधः) ये भवद्द्वेषिणस्तेषां शक्तीः स्तम्भय ॥१॥