Go To Mantra

पु॒ना॒न इ॑न्द॒वा भ॑र॒ सोम॑ द्वि॒बर्ह॑सं र॒यिम् । वृष॑न्निन्दो न उ॒क्थ्य॑म् ॥

English Transliteration

punāna indav ā bhara soma dvibarhasaṁ rayim | vṛṣann indo na ukthyam ||

Pad Path

पु॒ना॒नः । इ॒न्दो॒ इति॑ । आ । भ॒र॒ । सोम॑ । द्वि॒ऽबर्ह॑सम् । र॒यिम् । वृष॑न् । इ॒न्दो॒ इति॑ । नः॒ । उ॒क्थ्य॑म् ॥ ९.४०.६

Rigveda » Mandal:9» Sukta:40» Mantra:6 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:30» Mantra:6 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:6


Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (इन्दो सोम) हे परमैश्वर्यशाली परमात्मन् ! (पुनानः) आप मेरे स्वभाव को पवित्र करते हुए (द्विबर्हसम् रयिम् आभर) द्युलोक तथा पृथिवीलोकसम्बन्धी दोनों ऐश्वर्यों को दीजिये (इन्दो) हे प्रकाशरूप ! (वृषन्) सब कामनाओं की वर्षा करनेवाले आप (नः उक्थ्यम्) मेरी स्तुतिरूप वाणी स्वीकार करिये ॥६॥
Connotation: - जो लोग परमात्मा के गुण-कर्मानुसार अपने स्वभाव को बनाते हैं, परमात्मा उन्हें ऐहिक और पारलौकिक दोनों प्रकार के सुख प्रदान करता है ॥६॥ यह ४० वाँ सूक्त और ३० वाँ वर्ग समाप्त हुआ ॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (इन्दो सोम) हे परमैश्वर्यशालिन् परमात्मन् ! (पुनानः) मत्स्वभावं पवित्रयन् (द्विबर्हसम् रयिम् आभर) द्युलोकपृथिवीद्वयस्यैश्वर्यं देहि (इन्दो) हे प्रकाशरूप (वृषन्) सर्वेष्टदस्त्वं (नः उक्थ्यम्) मम स्तुतिमयीं वाचं च स्वीकुरु ॥६॥ इति चत्वारिंशत्तमं सूक्तं त्रिंशो वर्गश्च समाप्तः ॥