Go To Mantra

अ॒भि ब्रह्मी॑रनूषत य॒ह्वीॠ॒तस्य॑ मा॒तर॑: । म॒र्मृ॒ज्यन्ते॑ दि॒वः शिशु॑म् ॥

English Transliteration

abhi brahmīr anūṣata yahvīr ṛtasya mātaraḥ | marmṛjyante divaḥ śiśum ||

Pad Path

अ॒भि । ब्रह्मीः॑ । अ॒नू॒ष॒त॒ । य॒ह्वीः । ऋ॒तस्य॑ । मा॒तरः॑ । म॒र्मृ॒ज्यन्ते॑ । दि॒वः । शिशु॑म् ॥ ९.३३.५

Rigveda » Mandal:9» Sukta:33» Mantra:5 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:23» Mantra:5 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:5


Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (ऋतस्य मातरः) सत्य को उत्पन्न करनेवाली (यह्वीः ब्रह्मीः) अतिविस्तृत परमात्मसम्बन्धी वेदवाणियें (अभि अनूषत) अपने वक्ता को विभूषित कर देती हैं (मर्मृज्यन्ते दिवः शिशुम्) और ब्रह्मचारी को पवित्र कर देती हैं ॥५॥
Connotation: - वेदवाणियें परमात्मा के साथ वाच्यवाचकभावसम्बन्ध से रहती हैं, इसीलिये इनको ब्रह्मी कहा गया है, जैसा कि गीता में “एषा ब्राह्मी स्थितिः पार्थ नैनां प्राप्य विमुह्यति” जिस प्रकार पुरुष ब्राह्मी स्थिति को पाकर मोह को नहीं प्राप्त होता, इसी प्रकार वेदवाणियें पुरुष के अज्ञान को सर्वथा छिन्न-भिन्न कर देती हैं ॥५॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (ऋतस्य मातरः) सत्योत्पादिकाः (यह्वीः ब्रह्मीः) अतिविस्तृताः परमात्मसम्बद्धा वेदवाचः (अभि अनूषत) स्ववक्तारं विभूषयन्ति (मर्मृज्यन्ते दिवः शिशुम्) ब्रह्मचारिणं च पवित्रयन्ति ॥५॥