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प्र सोमा॑सो मद॒च्युत॒: श्रव॑से नो म॒घोन॑: । सु॒ता वि॒दथे॑ अक्रमुः ॥

English Transliteration

pra somāso madacyutaḥ śravase no maghonaḥ | sutā vidathe akramuḥ ||

Pad Path

प्र । सोमा॑सः । म॒द॒ऽच्युतः॑ । श्रव॑से । नः॒ । म॒घोनः॑ । सु॒ताः । वि॒दथे॑ । अ॒क्र॒मुः॒ ॥ ९.३२.१

Rigveda » Mandal:9» Sukta:32» Mantra:1 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:22» Mantra:1 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:1


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ARYAMUNI

अब परमात्मा की उपलब्धि का कथन करते हैं।

Word-Meaning: - (मदच्युतः) आनन्द का स्त्रोत (सुताः) स्वयम्भू (सोमासः) परमात्मा (विदथे) यज्ञ में (मघोनः नः) मुझ जिज्ञासु के (श्रवसे) ऐश्वर्य के लिये (प्राक्रमुः) आकर प्राप्त होता है ॥१॥
Connotation: - जो पुरुष शुद्ध भाव से यज्ञ करते हैं, उनको परमात्मा अपने आनन्दस्त्रोत से सदैव अभिषिक्त करता है। यज्ञ के अर्थ यहाँ (१) शुद्धान्तःकरण से ईश्वरोपासन, (२) ब्रह्मविद्यादि उत्तमोत्तम पदार्थों का दान (३) और कला-कौशल द्वारा विद्युदादि पदार्थों को उपयोग में लाना, ये तीन हैं। जो पुरुष उक्त पदार्थों की संगति करनेवाले यज्ञों को करता है, वह अवश्यमेव ऐश्वर्यसम्पन्न होता है ॥१॥
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ARYAMUNI

अथ परमात्मन उपलब्धिरुच्यते |

Word-Meaning: - (मदच्युतः) आनन्दप्रवाहः (सुताः) स्वयम्भूः (सोमासः) परमात्मा (विदथे) यज्ञे (मघोनः नः) जिज्ञासोर्मम (श्रवसे) ऐश्वर्याय (प्राक्रमुः) आगत्य प्राप्तो भवति ॥१॥