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रक्षा॒ सु नो॒ अर॑रुषः स्व॒नात्स॑मस्य॒ कस्य॑ चित् । नि॒दो यत्र॑ मुमु॒च्महे॑ ॥

English Transliteration

rakṣā su no araruṣaḥ svanāt samasya kasya cit | nido yatra mumucmahe ||

Pad Path

रक्ष॑ । सु । नः॒ । अर॑रुषः । स्व॒नात् । स॒मस्य॑ । कस्य॑ । चि॒त् । नि॒दः । यत्र॑ । मु॒मु॒च्महे॑ ॥ ९.२९.५

Rigveda » Mandal:9» Sukta:29» Mantra:5 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:19» Mantra:5 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:5


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - हे परमात्मन् ! (नः) हमारी (समस्य कस्यचित् अररुषः) सम्पूर्ण अदाता लोगों के (निदः) निन्दारूप शब्द से रक्षा करिये (निदः) और निन्दक लोगों से भी बचाइये (यत्र मुमुच्महे) जिस रक्षा से हम निन्दादिकों से मुक्त रहें ॥५॥
Connotation: - अभ्युदयशाली मनुष्य का कर्तव्य यह होना चाहिये कि वह कदर्य कदापि न बने। जो पुरुष कदर्य होता है, वह सर्वदैव संसार में निन्दनीय रहता है, इसलिये हे पुरुषो ! तुम कदर्यता कायरता और प्रमत्तता इत्यादि भावों को छोड़कर उदारता वीरता और अप्रमत्तता इत्यादि भावों को धारण करो ॥५॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - हे परमात्मन् ! (नः) अस्मान् (समस्य कस्यचित् अररुषः) सर्वेषामदातॄणां (स्वनात् रक्ष) निन्दारूपशब्देभ्यो रक्ष (निदः) निन्दकेभ्यश्च रक्ष (यत्र मुमुच्महे) यया रक्षया वयं निन्दादिभ्यो मुक्ताः स्याम ॥५॥