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सु॒षहा॑ सोम॒ तानि॑ ते पुना॒नाय॑ प्रभूवसो । वर्धा॑ समु॒द्रमु॒क्थ्य॑म् ॥

English Transliteration

suṣahā soma tāni te punānāya prabhūvaso | vardhā samudram ukthyam ||

Pad Path

सु॒ऽसहा॑ । सो॒म॒ । तानि॑ । ते॒ । पु॒ना॒नाय॑ । प्र॒भु॒व॒सो॒ इति॑ प्रभुऽवसो । वर्ध॑ । स॒मु॒द्रम् । उ॒क्थ्य॑म् ॥ ९.२९.३

Rigveda » Mandal:9» Sukta:29» Mantra:3 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:19» Mantra:3 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:3


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सोम) हे सौम्यस्वभाववाले परमात्मन् ! (प्रभूवसो) हे अखिल धन रत्नादिकों के स्वामिन् ! (उक्थ्यम् समुद्रम् वर्ध) आप आकाश में फैलानेवाले प्रशंसनीय यश को मेरे लिये बढ़ाइये (तानि सुषहा ते पुनानाय) और यह सबको पवित्र करनेवाले आपका बढ़ा हुआ यश हमारे लिये सुख से भोग करने योग्य हो ॥३॥
Connotation: - परमात्मा उपदेश करता है कि जो लोग अपनी कीर्ति को नभोमण्डलव्यापिनी बनाना चाहें, उनका कर्तव्य है कि वे परमात्मपरायण होकर कर्मयोगी बनें। कर्मयोगी पुरुष के विना किसी पुरुष का ऐश्वर्य बढ़ नहीं सकता ॥३॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सोम) हे सौम्य (प्रभूवसो) अखिलधनरत्नादिप्रभो परमात्मन् ! (उक्थ्यम् समुद्रम् वर्ध) भवान् आकाशे वर्द्धमानं प्रशंसनीयं यशः मदर्थं वर्धय (तानि सुषहा ते पुनानाय) अथ च सर्वस्य पावकं प्रवृद्धं भवदीयं यशः मया ससुखं भोग्यं स्यात् ॥३॥