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आ प॑वस्व मदिन्तम प॒वित्रं॒ धार॑या कवे । अ॒र्कस्य॒ योनि॑मा॒सद॑म् ॥

English Transliteration

ā pavasva madintama pavitraṁ dhārayā kave | arkasya yonim āsadam ||

Pad Path

आ । प॒व॒स्व॒ । म॒दि॒न्ऽत॒म॒ । प॒वित्र॑म् । धार॑या । क॒वे॒ । अ॒र्कस्य॑ । योनि॑म् । आ॒ऽसद॑म् ॥ ९.२५.६

Rigveda » Mandal:9» Sukta:25» Mantra:6 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:15» Mantra:6 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:6


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (अर्कस्य) ज्ञानरूप प्रकाश के (योनिम्) स्थान की (आसदम्) प्राप्ति के लिये (मदिन्तम) हे आनन्दस्वरूप भगवन् ! आप (धारया) आनन्द की वृष्टि द्वारा (पवित्रम्) हमको पवित्र करें (कवे) हे सर्वद्रष्टः ! (आपवस्व) सब ओर से आप हमको पवित्र करें ॥६॥
Connotation: - जो लोग शुद्ध हृदय से परमात्मा की उपासना करते हैं, उनके हृदय में ज्ञान का प्रकाश अवश्यमेव होता है। वे लोग सूर्य्य के समान प्रकाशमान होते हैं ॥६॥ यह पच्चीसवाँ सूक्त और पन्द्रहवाँ वर्ग समाप्त हुआ ॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (अर्कस्य) ज्ञानरूपप्रकाशस्य (योनिम्) स्थानं (आसदम्) प्राप्तुं (मदिन्तम) हे आनन्दस्वरूप भगवन् ! (धारया) आनन्दवृष्ट्या (पवित्रम्) मां पुनीहि। (कवे) हे सर्वद्रष्टः ! त्वं (आपवस्व) सर्वतो मां पवित्रय ॥६॥ इति पञ्चविंशतितमं सूक्तं पञ्चदशो वर्गश्च समाप्तः ॥