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अचि॑क्रद॒द्वृषा॒ हरि॑र्म॒हान्मि॒त्रो न द॑र्श॒तः । सं सूर्ये॑ण रोचते ॥

English Transliteration

acikradad vṛṣā harir mahān mitro na darśataḥ | saṁ sūryeṇa rocate ||

Pad Path

अचि॑क्रदत् । वृषा॑ । हरिः॑ । म॒हान् । मि॒त्रः । न । द॒र्श॒तः । सम् । सूर्ये॑ण । रो॒च॒ते॒ ॥ ९.२.६

Rigveda » Mandal:9» Sukta:2» Mantra:6 | Ashtak:6» Adhyay:7» Varga:19» Mantra:1 | Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:6


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (हरिः) दुष्टों का दलन करनेवाला और सबका (मित्रः) मित्र के (न) समान (दर्शतः) सन्मार्ग दिखलानेवाला और (सम्) भली प्रकार (सूर्य्येण) अपने विज्ञान से (रोचते) प्रकाशमान हो रहा है, (वृषा) सर्वकामप्रद वह परमात्मा (अचिक्रदत्) सबको अपनी और बुला रहा है ॥६॥
Connotation: - वह परमात्मा जो आध्यात्मिक, आधिभौतिक, आधिदैविक तापरूपी शत्रुओं का नाश करनेवाला मित्र की तरह सब प्राणियों का सन्मार्गप्रदर्शक तथा आत्मज्ञान द्वारा सबके हृदय में प्रकाशित है, उसी के आह्वानरूप वेदवाणीयें हैं और वही परमात्मा सब कामनाओं का पूर्ण करनेवाला है, इसलिये उसी एकमात्र परमात्मा की शरण में सबको जाना उचित है ॥६॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (हरिः) दुष्टदमनः, सर्वेषाम् (मित्रः, न) मित्रसदृशः, (दर्शतः) सन्मार्गप्रदर्शकः (सम्) सम्यक्प्रकारेण (सूर्य्येण) स्वविज्ञानेन (रोचते) प्रकाशमानो भवति (वृषा) सर्वकामप्रदः स परमात्मा (अचिक्रदत्) सर्वान् स्वाभिमुखमाह्वयति ॥६॥