आ प॑वमान धारय र॒यिं स॒हस्र॑वर्चसम् । अ॒स्मे इ॑न्दो स्वा॒भुव॑म् ॥
English Transliteration
ā pavamāna dhāraya rayiṁ sahasravarcasam | asme indo svābhuvam ||
Pad Path
आ । प॒व॒मा॒न॒ । धा॒र॒य॒ । र॒यिम् । स॒हस्र॑ऽवर्चसम् । अ॒स्मे इति॑ । इ॒न्दो॒ इति॑ । सु॒ऽआ॒भुव॑म् ॥ ९.१२.९
Rigveda » Mandal:9» Sukta:12» Mantra:9
| Ashtak:6» Adhyay:7» Varga:39» Mantra:4
| Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:9
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (पवमान) हे सबको पवित्र करनेवाले (इन्दो) परमैश्वर्यसम्पन्न परमात्मन् ! (अस्मे) आप हमारे लिये (रयिम्) धन को तथा (सहस्रवर्चसं स्वाभुवम्) अत्यन्त दीप्तिवाले गृहों को (आ धारय) धारण कराइये अर्थात् दीजिये ॥९॥
Connotation: - परमात्मा जिन पुरुषों के कर्मों द्वारा प्रसन्न होता है, उनको अनन्त प्रकार की दीप्तियोंवाले ग्रहों को देता है और नानाविध ऐश्वर्य से उनको सम्पन्न करता है ॥९॥ यह ऋग्वेद के छठे अष्टक में सातवाँ अध्याय और उन्तालीसवाँ वर्ग नवम मण्डल में बारहवाँ सूक्त समाप्त हुआ ॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (पवमान) हे सर्वेषां पावक (इन्दो) परमैश्वर्यशालि परमात्मन् ! (अस्मे) अस्मभ्यं (रयिम्) धनं तथा (सहस्रवर्चसं स्वाभुवम्) अत्यन्तदीप्तिमतो गृहान् (आ धारय) धारयतु ददात्वित्यर्थः ॥९॥ वेदव्याख्यानपुण्येन मोहो मम निवर्त्यताम्। याचेऽहमीशतो ह्येतद्वेदधर्मः प्रवर्तताम् ॥ इति द्वादशं सूक्तमेकोनचत्वारिंशत्तमो वर्गश्च समाप्तः ॥