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अध॒ यदि॒मे प॑वमान॒ रोद॑सी इ॒मा च॒ विश्वा॒ भुव॑ना॒भि म॒ज्मना॑ । यू॒थे न नि॒ष्ठा वृ॑ष॒भो वि ति॑ष्ठसे ॥

English Transliteration

adha yad ime pavamāna rodasī imā ca viśvā bhuvanābhi majmanā | yūthe na niṣṭhā vṛṣabho vi tiṣṭhase ||

Pad Path

अध॑ । यत् । इ॒मे इति॑ । प॒व॒मा॒न॒ । रोद॑सी॒ इति॑ । इ॒मा । च॒ । विश्वा॑ । भुव॑ना । अ॒भि । ज॒ज्मना॑ । यू॒थे । न । निः॒ऽस्थाः । वृ॒ष॒भः । वि । ति॒ष्ठ॒से॒ ॥ ९.११०.९

Rigveda » Mandal:9» Sukta:110» Mantra:9 | Ashtak:7» Adhyay:5» Varga:23» Mantra:3 | Mandal:9» Anuvak:7» Mantra:9


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (पवमान) हे सबको पवित्र करनेवाले परमात्मन् ! (इमे, रोदसी) द्युलोक पृथिवीलोक (अध, यत्) और जो (इमा, च, विश्वा, भुवना) ये सब लोक-लोकन्तर हैं, उन सबको (मज्मना) बल से (अभि, तिष्ठसे) भले प्रकार धारण कर रहे हो, (न) जिस प्रकार (निष्ठाः, वृषभः) स्थिर शक्तिवाला स्वामी (यूथे) अपने मण्डल का मध्यवर्ती होकर स्थिर होता है ॥९॥
Connotation: - जिस प्रकार मण्डलाधिपति अपने मण्डल के मध्य में स्थिर होकर सबको स्वाधीन रखता है, इसी प्रकार परमात्मा सम्पूर्ण लोक-लोकान्तरों को बल से धारण करके सर्वत्र स्थित हो रहा है, या यों कहो कि उत्पत्ति, स्थिति तथा प्रलयरूप परमात्मशक्ति सदा एकरस दृढ़ता से विराजमान रहती है, उसमें कभी रुकावट नहीं होती ॥९॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (पवमान)  हे  सर्वपावक  परमात्मन् ! (इमे, रोदसी)  इमे द्यावापृथिव्यौ  (अध, यत्)  अथ  च  (इमा, च, विश्वा, भुवना) इमान्सर्वान् लोकान् (मज्मना) बलेन (अभि, तिष्ठसे) दधाति  (न)यथा (निष्ठाः, वृषभः)  स्थिरशक्तिः  स्वामी  (यूथे)  स्वमण्डलमध्ये तिष्ठन् स्थिरो भवति ॥९॥