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पव॑मान सु॒वीर्यं॑ र॒यिं सो॑म रिरीहि नः । इन्द॒विन्द्रे॑ण नो यु॒जा ॥

English Transliteration

pavamāna suvīryaṁ rayiṁ soma rirīhi naḥ | indav indreṇa no yujā ||

Pad Path

पव॑मान । सु॒ऽवीर्य॑म् । र॒यिम् । सो॒म॒ । रि॒री॒हि॒ । नः॒ । इन्दो॒ इति॑ । इन्द्रे॑ण । नः॒ । यु॒जा ॥ ९.११.९

Rigveda » Mandal:9» Sukta:11» Mantra:9 | Ashtak:6» Adhyay:7» Varga:37» Mantra:4 | Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:9


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (पवमान) हे सब को पवित्र करनेवाले ! (सुवीर्यम्) सुन्दर बल को (रयिम्) और धन को (नः रिरीहि) हमको देवें (इन्दो) हे सर्वप्रकाशक ! (इन्द्रेण) परमैश्वर्य के साथ (नः युजा) हमको युक्त करें (सोम) आप सौम्यस्वभाववाले हैं ॥९॥
Connotation: - जो लोग सत्कर्मी बनकर ईश्वरपरायण होते हैं, परमात्मा सर्वोपरि ऐश्वर्य का उन्हीं को दान देता है ॥९॥३७॥ यह ग्यारहवाँ सूक्त और सैंतीसवाँ वर्ग समाप्त हुआ ॥ अब उक्त परमात्मा को यज्ञादि कर्मों का कर्तारूप से वर्णन करते हैं।
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (पवमान) हे सर्वेषां पालक ! (सुवीर्यम्) सुबलं (रयिम्) धनं च (नः रिरीहि) अस्मभ्यं प्रयच्छतु (इन्दो) हे सर्वप्रकाशक ! (इन्द्रेण) परमैश्वर्येण सह (नः युजा) अस्मान् योजयतु (सोम) यतः सौम्यस्वभावो भवान् ॥९॥ इत्येकादशं सूक्तं सप्तत्रिंशत्तमो वर्गश्च समाप्तः ॥