Go To Mantra

इन्द्रा॑य सोम॒ पात॑वे॒ मदा॑य॒ परि॑ षिच्यसे । म॒न॒श्चिन्मन॑स॒स्पति॑: ॥

English Transliteration

indrāya soma pātave madāya pari ṣicyase | manaścin manasas patiḥ ||

Pad Path

इन्द्रा॑य । सो॒म॒ । पात॑वे । मदा॑य । परि॑ । सि॒च्य॒से॒ । म॒नः॒ऽचित् । मन॑सः । पतिः॑ ॥ ९.११.८

Rigveda » Mandal:9» Sukta:11» Mantra:8 | Ashtak:6» Adhyay:7» Varga:37» Mantra:3 | Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:8


Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सोम) हे परमात्मन् ! (मनश्चित्) आप ज्ञानस्वरूप हैं ‘मनुत इति मनः’ और (मनसस्पतिः) सब के मनों के प्रेरक हैं (इन्द्राय) जीवात्मा की (पातवे) तृप्ति के लिये (मदाय) आह्लाद के लिये (परिषिच्यते) उपासना किये जाते हैं ॥८॥
Connotation: - जो लोग उपासना द्वारा अपने हृदय में ईश्वर को विराजमान करते हैं, वे उसके मधुर आनन्द का पान करते हैं। तात्पर्य यह है कि यों तो परमात्मा सर्वव्यापक होने के कारण सब के हृदय में स्थिर है, पर जो लोग धारणा ध्यानादि साधनों से सम्पन्न होकर उस को अत्यन्त समीपी बनाते हैं, वे ही उसके मधुर आनन्द का पान कर सकते हैं, अन्य नहीं ॥८॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सोम) हे परमात्मन् ! (मनश्चित्) भवान् ज्ञानस्वरूपः (मनसस्पतिः) सर्वेषां मनसां प्रेरकश्चास्ति (इन्द्राय पातवे) जीवात्मनः तृप्तये (मदाय) आह्लादाय च (परिषिच्यते) उपास्यते ॥८॥