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पव॑स्व सोम म॒हान्त्स॑मु॒द्रः पि॒ता दे॒वानां॒ विश्वा॒भि धाम॑ ॥

English Transliteration

pavasva soma mahān samudraḥ pitā devānāṁ viśvābhi dhāma ||

Pad Path

पव॑स्व । सो॒म॒ । म॒हान् । स॒मु॒द्रः । पि॒ता । दे॒वाना॑म् । विश्वा॑ । अ॒भि । धाम॑ ॥ ९.१०९.४

Rigveda » Mandal:9» Sukta:109» Mantra:4 | Ashtak:7» Adhyay:5» Varga:20» Mantra:4 | Mandal:9» Anuvak:7» Mantra:4


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सोम) हे सर्वोत्पादक ! आप (समुद्रः) “सम्यग् द्रवन्ति भूतानि यस्मात् स समुद्रः”=जिससे पृथिव्यादि सम्पूर्ण लोक-लोकान्तर उत्पन्न होते हैं, उसका नाम यहाँ “समुद्र” है और (महान्) सबसे बड़ा (देवानां) सूर्य्यादि देवों का (पिता) निर्माण करनेवाला (विश्वा, अभि, धाम) सबको लक्ष्य रखकर हे ईश्वर ! आप हमको पवित्र करें ॥४॥
Connotation: - परमपिता परमात्मा जो आकाशवत् सर्वत्र परिपूर्ण है, उसी की उपासना से मनुष्य मुक्तिधाम को प्राप्त हो सकता है, अन्यथा नहीं ॥४॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सोम) हे सर्वोत्पादक ! भवान् (समुद्रः) सम्पूर्णलोकलोकान्तरप्रभवः (महान्) सर्वेभ्यो महान् व्यापकत्वात् (देवानाम्, पिता) सूर्य्यादिदेवानां निर्माता (विश्वा, अभि, धाम) सर्वं लक्ष्यीकृत्य मां पुनातु ॥४॥