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अस॑र्जि क॒लशाँ॑ अ॒भि मी॒ळ्हे सप्ति॒र्न वा॑ज॒युः । पु॒ना॒नो वाचं॑ ज॒नय॑न्नसिष्यदत् ॥

English Transliteration

asarji kalaśām̐ abhi mīḻhe saptir na vājayuḥ | punāno vācaṁ janayann asiṣyadat ||

Pad Path

अस॑र्जि । क॒लशा॑न् । अ॒भि । मी॒ळ्हे । सप्तिः॑ । न । वा॒ज॒ऽयुः । पु॒ना॒नः । वाच॑म् । ज॒नय॑न् । अ॒सि॒स्य॒द॒त् ॥ ९.१०६.१२

Rigveda » Mandal:9» Sukta:106» Mantra:12 | Ashtak:7» Adhyay:5» Varga:11» Mantra:2 | Mandal:9» Anuvak:7» Mantra:12


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (वाजयुः) सब लोकों को प्राप्त परमात्मा (मीळ्हे) संग्राम में (सप्तिर्न) विद्युत् के समान (कलशानभि) पवित्र अन्तःकरणों में (असर्जि) साक्षात्कार किया जाता है, वह परमात्मा (वाचं, पुनानः) वाणी को पवित्र करके (जनयन्) उत्तम भावों को उत्पन्न करता हुआ (असिस्यदत्) शुद्ध अन्तःकरणों को सिञ्चन करता हुआ स्थिर होता है ॥१२॥
Connotation: - उपासकों को चाहिये कि वे उपासना से प्रथम अपने अन्तःकरणों को शुद्ध करें, क्योंकि वह उपास्य देव स्वच्छ अन्तःकरणों में ही अपनी अभिव्यक्ति को प्रकट करता है ॥१२॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (वाजयुः) सर्वबलाश्रयः परमात्मा (मीळ्हे) सङ्ग्रामे (सप्तिर्न) विद्युदिव (कलशानभि) पूतान्तःकरणे (असर्जि) साक्षात्क्रियते, स च (वाचम्, पुनानः) वाणीं पावयन् (जनयन्) उत्तमभावानुत्पादयन् (असिस्यदत्) शुद्धान्तःकरणं सिञ्चन् विराजते ॥१२॥