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सं व॒त्स इ॑व मा॒तृभि॒रिन्दु॑र्हिन्वा॒नो अ॑ज्यते । दे॒वा॒वीर्मदो॑ म॒तिभि॒: परि॑ष्कृतः ॥

English Transliteration

saṁ vatsa iva mātṛbhir indur hinvāno ajyate | devāvīr mado matibhiḥ pariṣkṛtaḥ ||

Pad Path

सम् । व॒त्सःऽइ॑व । मा॒तृऽभिः॑ । इन्दुः॑ । हि॒न्वा॒नः । अ॒ज्य॒ते॒ । दे॒व॒ऽअ॒वीः । मदः॑ । म॒तिऽभिः॑ । परि॑ऽकृतः ॥ ९.१०५.२

Rigveda » Mandal:9» Sukta:105» Mantra:2 | Ashtak:7» Adhyay:5» Varga:8» Mantra:2 | Mandal:9» Anuvak:7» Mantra:2


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (देवावीः) देवताओं का रक्षक (इन्दुः) प्रकाशस्वरूप परमात्मा (हिन्वानः) उपास्यमान (मतिभिः) चित्तवृत्तियों द्वारा (समज्यते) उपासन किया जाता है। वह (मदः, वत्स, इव) परमानन्द के समान (मातृभिः) ज्ञानेन्द्रियों द्वारा (परिष्कृतः) परिष्कार को प्राप्त ध्यान का विषय होता है ॥२॥
Connotation: - जो लोग अपनी चित्तवृत्तियों को निर्मल करके उस परमात्मा का ध्यान करते हैं, परमात्मा अवश्यमेव उनके ध्यान का विषय होता है ॥२॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (देवावीः) देवानां रक्षकः (इन्दुः)  प्रकाशमयः  परमात्मा (हिन्वानः)उपास्यमानः (मतिभिः) चित्तवृत्तिभिः (समज्यते) उपास्यते। सः(मदः,वत्सः, इव)  परमानन्द इव  (मतिभिः)  ज्ञानेन्द्रियैः  (परिष्कृतः) संस्कृतः सन् ध्यानविषयो भवति ॥२॥